Saturday, May 11, 2013

पता तो चले


अजी खुल के इश्तेहार कीजिये
कह डालिए सबसे माँ आपके लिए क्या है
तब तो पता चले सबको
कितना प्यार है माँ से
फूलों का गुलदस्ता भेजिए
कार्ड भेजिए, सन्देश भेजिए
उपहार भेजिए, उनका पसंदीदा आहार भेजिए
और सबको विश्वास दिला दीजिये
बहुत प्यार है आपको अपनी माँ से

डाल दीजिये अपने अपने किस्से
सोशल नेटवर्किंग के ठिकानों पर
कह दीजिये दूध पिलाने के लिए शुक्रिया
गोद में झुलाने के लिए शुक्रिया
नहलाने के लिए शुक्रिया
लोरी सुनाने के लिए शक्रिया  
मेला घुमाने के लिए शुक्रिया
आखिर माँ को भान हो
आप कृतघ्न बच्चे नहीं हैं

माँ धन्य हो जायेगी
आपकी कृतज्ञता जानकर
फूलों का गुलदस्ता पाकर
आश्वस्त होकर यह जानकर
कि वो आपकी जीवनदायिनी है
और आपको उनसे प्यार है
और साथ में कह जायेगी
बहुत बहुत शुक्रिया
मुझे तुमपर बहुत गर्व है

वितृष्णा होती है
मुझे ऐसे इश्तेहारों से
क्योंकि मैंने देखे हैं
ऐसे इश्तेहार करने वालों की माँ को
अस्पताल में अकेले दम तोड़ते हुए   
उनकी अस्थियों को बरसों से
अटलांटिक महासागर से मिलन को तरसते हुए
उस झूठे इश्तेहार को बेपर्दा होते हुए

इसलिए ऐ पछिया पवन!
मंद हो जाओ
रहने दो मेरी माँ को
अनभिज्ञ मेरी कृतज्ञता से
पढने दो उसे रामायण
माँगने दो मेरे लिए
दुआएं उम्र भर
रहने तो उसे उपहारहीन
सन्देश विहीन  
इस बात से अनजान
कि मेरे आधे गुणसूत्र उसी के हैं
और मेरा अस्तित्व उसी है !
(निहार रंजन,सेंट्रल, ११  मई २०१३)

15 comments:

  1. बहुत सुंदर, यह सबसे सच्चा उपहार है माँ को।

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  2. कई लोगों के कडुवे सच को लिखा है ...
    पर मा वैसे इन सब बातों से बेखबर रहती है ... वो फिर भी प्रेम करती है ...

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  3. ढोल पीटने की आदत से लाचार हैं हम .....बढ़िया लिखा है आपने...

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  4. आधे क्‍यों पूर्ण गुणसूत्र उसी के हैं।

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    1. विकेश जी, इशारा हमारे जीवन की तरफ है जब पहली कोशिका का निर्माण होता है.

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  5. माँ तो असीमित होती हैउन पर कोई लिख ही नहीं पायेगा ये तो उनके लिए छोटा सा प्यार ही है न !!

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  6. बहुत मर्मस्पर्शी वर्णन. खुलकर माँ के प्रति प्रेम का प्रदर्शन कीजिये, क्योंकि वे धन्य हैं जिनके माँ है.

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  7. waah bahut acchi abhiwayakti ........

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  8. एक कड़वा सच लिखा है आपने
    माँ तो फिर भी संतान के सुख की ही सोचती है सदा ...

    बहुत सुन्दर
    हर माँ को प्रणाम !
    साभार !

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  9. बहुत सुन्दर और गहन..........Haits off

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  10. माँ जीवन का सृजन है
    सहजता से कही माँ की गहरी बात
    सुंदर अनुभूति
    बधाई

    आग्रह है पढ़ें "अम्मा"
    http://jyoti-khare.blogspot.in

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  11. वितृष्णा होती है
    मुझे ऐसे इश्तेहारों से
    क्योंकि मैंने देखे हैं
    ऐसे इश्तेहार करने वालों की माँ को
    अस्पताल में अकेले दम तोड़ते हुए

    ...एक कटु सत्य...लेकिन माँ फिर भी माँ है और दुआ करती है उनके लिए..बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...

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  12. माँ ये सब नहींसोचती
    लेकिन एक सच ही उजागर किया आपने .........सुन्दर रचना

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