Monday, January 20, 2014

सोडियम-चिंतन

सावन भादो की बात नहीं
बारहमासी यह नाता है 
देखो कैसी नियति इसकी
पानी भी आग लगाता है  

उद्योग, वसन व भोजन में
महता इसकी है जीवन में
प्याले में, रस में, दर्पण में
तन के दूषण के क्षालन में
कभी लवण, कभी यौगिक बन
जल घुल, बचता है जलने से
बचता है लपट में मिलने से
पर मूल रूप में आते ही
दुश्मन, पवन बन जाता है
देखो कैसी नियति इसकी
पानी भी आग लगाता है  

अपनी प्रकृति या ‘डेवी’ की मति
कौन है दोषी, किसको पता
वरना यौगिक बन आज भी यह
जल में मिल, फिरता रहता
ना आता बाहर जलने को
आतुर प्रतिपल मर-मिटने को
प्यासा इतना कि मत पूछो
ज्यों विरह-दग्ध अंधा प्रेमी
अश्रुत कर हित-आहूति को
आहुति में जीवन पाता है
देखो कैसी नियति इसकी
पानी भी आग लगाता है

मृदु धातु है, चमकीला सा
कितनी फैली इसकी यारी
लघु तत्व हो या विषम अवयव
रहता बन धनावेश-धारी
पर रसिया है, रस पीता है
मदिरा (एथेनॉल) से देखो इसका मिलन
तब तक पीता ही रहता है
जब तक कर ना ले आत्म-क्षरण
है उन्मादी, पर दाता है
देखो कैसी नियति इसकी
पानी भी आग लगाता है

पूछो जाकर 'मृत-सागर' से
ताकत इसकी कितनी होती
पूछो उस तट के पानी से
जिसपर सुंदरियां जा सोती
पूछो धमनी व शिराओं से
क्यों चाहते वो संतुलित लवण
घट-बढ़ जब यह जाता है 
संकट में होता है जीवन
जाने इसमें कितनी माया
मन खो जिसमे भरमाता है       
देखो कैसी नियति इसकी
पानी भी आग लगाता है

जिसमे जलती सारी दुनिया (केरोसिन)
उसमे यह शान्ति पाता है
देखो कैसी नियति इसकी
पानी भी आग लगाता है


(निहार रंजन, सेंट्रल, २० जनवरी २०१४)


21 comments:

  1. तथ्यों से पूर्ण सोडियम कि प्रकृति का पूर्ण विवरण ...... सुन्दर कविता .....

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  2. बहुत खूब.....!!
    कैसी इसकी नियति पानी भी आग लगाता है..

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  3. क्या बात है एक नया प्रयोग रासायनिक कविता :-)))

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  4. Na को उपरोक्त पंक्तियों से अच्छा उपहार मिल ही नही सकता
    सुन्दर रचना।।

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  5. उत्कृष्ट भाव संयोजन से सजी बेहतरीन भावाभिव्यक्ति।

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  6. सोडियम का प्रयोग और इस पर कविता ?
    वाकई अच्छा चिंतन है :) !

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  7. कल 23/01/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  8. सोडियम चिंतन ... अच्छी लगी ये रचना ... नए अंदाज़ की ...

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  9. सुंदर अभिव्यक्ति...

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  10. तथ्य परक
    शानदार रचना

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  11. सारगर्भित ...बहुत गहन ...बहुत अच्छी लगी रचना ....!!

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  12. गजब !
    हिंदी में क्षारातु जिसे कहा जाता है !

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  13. बहुत ही बढ़िया गहन भावाभिव्यक्ति ...

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  14. नसीब अपना अपना ...

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  15. बहुत सुन्दर और गहन चिंतन...

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  16. सोडियम और मनुष्य में काफी समानता है यह राज तो आज जाहिर हुआ ....!!!!
    शानदार अभिव्यक्ति आदरणीय निहार जी

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  17. हूँ...इस चिंतन से अच्छी तरह समझ में आया छुपा हुआ कई दर्शन.. सच! अति सुन्दर चिंतन.. बधाई..

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  18. बेहद दिलचस्प..आपका जवाब नहीं...

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  19. Chemistry की क्लास याद आ गई। एक गाना तब हुा करता था आग पानी में लगी ....कैसे और हम दूसरी लाइन बदल कर सोडियम गिरा होगा ओय होय ऐसे गाते थे।

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  20. A poem on a chemical. That's out of box thinking.

    Loved these lines -

    "देखो कैसी नियति इसकी
    पानी भी आग लगाता है"

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