पत्थर से गुफ्तगू
पत्थर से मैंने सबब पूछा
क्यों इतने कठोर हो
निष्ठुर हो, निर्दय हो
खलनायकी के पर्याय हो
कभी किसी के पाँव लगते हो
तो ज़ख्म
कभी किसी के सर लगते हो तो ज़ख्म
और उससे भी दिल न भरे तो
अंग-भंग
क्या मज़ा है उसमे कुछ बताओ
तो?
तुम दूर रहते हो तो सवाल
रहते हो
पास तुम्हारे आता हूँ तो
मूक रहते हो
तुम्हारे बीच आता हूँ तो
पीस डालते हो
तुझपे वार करता हूँ तो चिंगारियाँ
देते हो
आज मेरी चंपा भी कह उठी
मुझसे “संग-दिल”
अपनी बदनामी से कभी नफरत
नहीं हुई तुम्हे?
काश! लोग तुम्हें माशूका की
प्यारी उपमाओं में लाते
उनके घनेरी काकुलों के
फुदनों में तुम्हें बाँध देते
उनके आरिज़ों की दहक के मानिंद न होते गुलाब
पत्थर खिल उठते जब खिल उठते
उनके शबाब
मिसाल-ऐ-ज़माल भी देते लोग तो
तेरे ही नाम से
हो जाता दिल भी शादमाँ तेरे
ही नाम से
ये सब सुनकर पत्थर का मौन
गया टूट
और मुझे जवाब मिला-
"ताप और दाब से बनी है मेरी
ज़िन्दगी
मैं कैसे फूल बरसा दूँ
प्यारे!"
निहार रंजन, सेंट्रल,
(२-२-२०१३)
सबब = कारण
संग = पत्थर
काकुल= लम्बे बाल
आरिज़ = गाल
ज़माल = रौशनी
शादमाँ = प्रसन्न, आह्लादित
शुभप्रभात :))
ReplyDelete"ताप और दाब से बनी है मेरी ज़िन्दगी
मैं कैसे फूल बरसा दूँ प्यारे!"
सच्चाई ! जिसे जो मिलेगा वही तो लौटाएगा !!
सार्थक लेखन !!
"ताप और दाब से बनी है मेरी ज़िन्दगी
ReplyDeleteमैं कैसे फूल बरसा दूँ प्यारे!"
...वाह! अपने अतीत को भूलना कहाँ आसान है...
पत्थर की कहानी निहार भाई की ज़ुबानी.........बहुत खूब।
ReplyDeleteपत्थर तो अपना धर्म ही करेगा ... अपने कर्म कोप कैसे भूले ...
ReplyDeleteप्रभावशाली अभिव्यक्ति
ReplyDeleteअद्भुत
ReplyDelete"ताप और दाब से बनी है मेरी ज़िन्दगी
ReplyDeleteमैं कैसे फूल बरसा दूँ प्यारे!"
वाह, बहुत खूब
सुन्दर प्रस्तुति
आभार !
सच कहा पत्थर ने ....कठोर है तब भी लोग पैर मारने से नहीं डरते कोमल होता तो पीस कर रख देते
ReplyDeleteअदभुत--बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
कुछ अलग सी रचना ...
ReplyDeleteवाह..पत्थर पर भी फूल खिला है..
ReplyDeletebahut sunder rachana.
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ReplyDeleteदिनांक 17/03/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
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अनाम रिश्ता....हलचल का रविवारीय विशेषांक...रचनाकार-कैलाश शर्मा जी
हलचल में रचना शामिल करने के लिए शुक्रिया यशवंत भाई.
Deleteबहुत बढ़िया है
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