Saturday, March 23, 2013

फागुनी संवाद

मेरे गाँव में देवर और भाभी के बीच फाग-लड़ाई की साल भर प्रतीक्षा होती है. ये संवाद उसी पृष्टभूमि में है. सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभकामनायें.


अगले बरस 


बोल-बोल मो से देवर अबरबा !

फागुन बीता-बीता जाए
तोरी कोई खबर ना आई
का संग खेलूँ होरी मैं अब
का संग करू मैं फाग-लड़ाई

बोल-बोल मो से देवर अबरबा !

आज बता दे नाम तू उसका
जो रोके है मो से तुझको
कौन फिरंगी प्रीत के डोरे
फेंक के तुझको फांस ले जाई

बोल बोल मो से देवर अबरबा !

हम देते ललकारा तो से
अपनी सारी बहिनन के संग
देखें कौन मधुपुर से आके
तोहे  चीर-हरण से बचाई

बोल-बोल मो से देवर अबरबा !
 ...................................................
का मैं बोलूं तों से भौजी
अपने अंतर्मन की प्यास
साल चौदहवां बीत रहा है
लगता है जैसे एक वनवास

ना मुझपे है फिरंगी की डोरी
है सच पर, है एक मुझे प्रीत
जिसके लिए मैंने साल गुज़ारे
कैसे छोडूं अधूरा वो गीत

लेते है ललकारा हम सब
लेकर कुछ “कैफ़ी” के गुण
अगले बरस आपके नैहर में
“इश्क बाटेंगे, जितना है हुस्न”

(निहार रंजन , सेंट्रल,  २२ मार्च २०१३ )

* मशहूर शायर कैफ़ी आज़मी जब १९९० के दशक में करांची गए थे तो वहां के लोगों से उन्होंने कहा था
" ये मत समझना  हम खाली हाथ आये हैं
  हैं जितना हुस्न इस बस्ती में हम उतना इश्क लाये हैं "

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अबरबा = आवारा
भौजी = भाभी
मधुपुर = मथुरा 

24 comments:

  1. बहुत सुन्दर होली गीत.
    का मैं बोलूं तों से भौजी
    अपने अंतर्मन की प्यास
    साल चौदहवां बीत रहा है
    लगता है जैसे एक वनवास
    बहुत प्यारा आंचलिक खुशबू से सराबोर.
    बधाई.
    सादर
    नीरज 'नीर'

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  2. बहुत ही सुन्दर होली गीत,आभार.

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  3. हलचल में शामिल करने के लिए आभार.

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  4. सामयिक सार्थक अभिव्यक्ति
    होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें !!

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  5. वाह फागुन की मस्ती और होली का रंग.....बहुत सुन्दर निहार भाई।

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  6. चर्चा मंच पर शामिल करने के लिए शुक्रिया.

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  7. खूबसूरत अभिव्यक्ति इन अनूठी भावनाओं की, निहार भाई। और दोनों पक्षों की तरफ से वाकई इतना संतुलित लिख पाना बहुत प्रशंसनीय है। होली की अग्रिम शुभकामनाएं!! :)

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  8. बहुत ही सुन्दर फागुनी रचना...
    बेहतरीन....सुन्दर....
    होली की अग्रिम शुभकामनाए
    :-)

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  9. मो से बोल तू बोल न... ओ सुन यार सुन..
    बढ़िया होली गीत ...

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  10. वाह ... बहुत ही लाजवाब संवाद ...
    ओर कैफी का कलाम तो दिल में उतर गया ...

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  11. कितना प्यार भरा रिश्ता होता है देवर-भाभी का...
    सुंदर रचना!
    और कैफ़ी साहब का क़लाम तो...क्या कहने!
    ~सादर!!!

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  12. सुन्दर होली गीत,दिल में उतरना ही थ

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  13. बहुत सुन्दर ...
    पधारें " चाँद से करती हूँ बातें "

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  14. आंचलिक खुशबू से भरा होली गीत

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  15. बहुत सुंदर निहार जी, आपके इस गीत में प्रेम का रंग और लोक जीवन की खुशबू छिपी है।

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  16. भीने भीने प्यार की खुशबू से लबरेज होली गीत

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  17. लोकसंवेदना और लोकभाषा का कोई जबाब नहीं |सुन्दर पोस्ट |होली की शुभकामनायें |

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  18. It's one of the most beautiful reads. The couplet of Kaifi Azmi is beautiful and so is your poem. Holi is a beautiful festival and the joys of our tradition is unparalleled. Wish you a colorful Holi.

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  19. देवर-भाभी के मधुर रिश्तों का खूबसूरत गीत!!
    होली की शुभकामनाएँ

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  20. बहुत सुन्दर...होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  21. होली की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  22. बहुत खूब .सुन्दर प्रस्तुति. आपको होली की हार्दिक शुभ कामना .



    ना शिकबा अब रहे कोई ,ना ही दुश्मनी पनपे गले अब मिल भी जाओं सब, कि आयी आज होली है
    प्रियतम क्या प्रिय क्या अब सभी रंगने को आतुर हैं हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है .

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