Saturday, April 17, 2021
कहाँ है निगहबान??
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लुटता हुआ शहर, सिमटा हुआ मकाँ लोग ये पूछे- "कहाँ है निगहबान" वक़्त की कालिख में घुला ज़िन्दगी का रंग ये कौन सा कातिल है कि सब ...
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Tuesday, April 6, 2021
अपने ही अंतर का यह एक गान है
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समय लगता हो गया है स्थिर व्याप्त चारों ओर हो चुका तिमिर विथित मन में आये फिर से वितामस कर रहा हर यत्न, दृढ है स्व-साहस सोचता...
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Sunday, January 10, 2021
नाग-यज्ञ
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वो बिल्ली दूध का स्वाद जानती है एक काला साँप उसके पास है (साँप में लोच स्वाभाविक है ) जांघ पर लिपटा मृत सांप नहीं जानता है कोई आदिम...
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Friday, December 25, 2020
निधि बोली — दैट इज सो क्यूट यार !
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( १ ) प्राक्कथन मन्द - मन्द प्रवाह अनिल का रूप गगन का — मनमोही रतनार सौरभमयी पथों पर चहुँदिश बिखरा हुआ था हरसिंगार...
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