बातें अपने दिल की
Sunday, January 10, 2021

नाग-यज्ञ

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वो बिल्ली  दूध का स्वाद  जानती है    एक काला साँप  उसके पास है   (साँप में लोच स्वाभाविक है ) जांघ पर लिपटा मृत सांप  नहीं जानता है कोई आदिम...
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Friday, December 25, 2020

निधि बोली — दैट इज सो क्यूट यार !

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  ( १ ) प्राक्कथन     मन्द - मन्द प्रवाह अनिल का   रूप गगन का — मनमोही रतनार   सौरभमयी पथों पर चहुँदिश    बिखरा हुआ था हरसिंगार...
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Sunday, August 23, 2020

फिर से बोसा

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  कोसा?? तो ले फिर से बोसा  जब हाथ धरा तो फिर ये क्यों एक चंचल लाल की चाल ही है माना ये  सच, बदहाल सही   पर बदहाली की यही ख़ुशी  कितने चितवन ...
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Sunday, May 17, 2020

भोर सुहानी

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एक चंदा था, ध्रुवतारा था लगता वो हद से प्यारा था एक लम्बी रात का सूनापन और भोर सुहानी की आशा कितनी काली वो रातें थी आली की खाल...
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