बातें अपने दिल की
Friday, December 25, 2020

निधि बोली — दैट इज सो क्यूट यार !

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  ( १ ) प्राक्कथन     मन्द - मन्द प्रवाह अनिल का   रूप गगन का — मनमोही रतनार   सौरभमयी पथों पर चहुँदिश    बिखरा हुआ था हरसिंगार...
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Sunday, August 23, 2020

फिर से बोसा

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  कोसा?? तो ले फिर से बोसा  जब हाथ धरा तो फिर ये क्यों एक चंचल लाल की चाल ही है माना ये  सच, बदहाल सही   पर बदहाली की यही ख़ुशी  कितने चितवन ...
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Sunday, May 17, 2020

भोर सुहानी

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एक चंदा था, ध्रुवतारा था लगता वो हद से प्यारा था एक लम्बी रात का सूनापन और भोर सुहानी की आशा कितनी काली वो रातें थी आली की खाल...
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