बातें अपने दिल की
Saturday, October 22, 2016

विचयन-प्रकाश

›
तुमने मुझे खून दिया मैंने तुम्हारा खून लिया तुमने मुझे खून से सींचा और मैंने चाक़ू मुट्ठी में भींचा शब्द नवजात की तरह नंगे हो गए ...
4 comments:
Saturday, July 9, 2016

ये कैसा बंधन

›
ये कैसा बंधन जिसमे तुम घने घन की तरह उठकर मुझमे ही प्रस्तारित हो गिरती तेज झोंके की तरह स्निघ्ध स्नेह सलिल बनकर भिंगोती  बाहर अं...
6 comments:
Thursday, July 7, 2016

मैं बंधा उस डोर से

›
मैं बंधा उस डोर से जिस डोर में तुम बंध गए तो क्या ये अंबर, क्या ये चिलमन क्या ये उपवन, क्या ये निर्जन क्या ये बादल, क्या ये शीतल ...
4 comments:
Wednesday, May 25, 2016

कि बादल आये हैं

›
नाच उठा है मोर कि बादल आये हैं यही बात सब ओर कि बादल आये है सुरमई है हर एक किनारा अम्बर का  बिजली ढन-ढन शोर कि बादल आये हैं वो...
9 comments:
Friday, May 13, 2016

अन्वेषण

›
उन्हीं कणों का मैं एक वाहक जिसमे रच बस गए हजारों जिसमे बस फंस गए हजारों उन्हीं कणों का मैं एक वाहक मदिर पिपासा लिए हिमालय से च...
1 comment:
Tuesday, February 9, 2016

प्रश्न

›
बाइबल से निकले हुए भाव थे शायद- “गॉड कैननॉट गिव यू मोर दैन यू कैन टेक” कर्ण-विवरों में आशा की ध्वनियाँ कोठे पर नाचनेवाली की पायल अ...
9 comments:
Saturday, January 16, 2016

एक दिन

›
कई महीनों  से 'ग़ज़ल' लिख पाना संभव नहीं हो पाया. ग़ज़ल की पूरी समझ अभी भी नहीं है मुझे. रदीफ़ और काफियाबंदी जरूर कर लेता हूँ अब. लेकिन ...
7 comments:
Saturday, December 26, 2015

प्राण मेरे तुम कहाँ हो

›
  उठ चुकी हैं सर्द आहें कोसती है रिक्त बाहें उर की वीणा झनझना कर पूछती है आज मुझसे गान मेरे तुम कहाँ हो प्राण मेरे तुम कहाँ हो ?...
8 comments:
Thursday, November 26, 2015

छोटी सी बात

›
अपने ही ह्रदय की अनिश्चित सीमाओं में और अनिश्चितताओं के बीच बंधी है अब भी वही तस्वीर वही गीत (‘होरी’ गीत) वही संगीत, कल्पना और...
7 comments:
Thursday, October 8, 2015

अतिवेल

›
ना कोई ‘प्रील्यूड’, ना ‘इंटरल्यूड’ बस शब्दों का संगीत है कुछ ध्वनियाँ ह्रदय से, नभ से शेष इसी दुनिया के ध्वनियों का समुच्चार है आप...
6 comments:
Wednesday, September 30, 2015

ले लिया मौसम ने करवट

›
पिछले कुछ दिनों से सतपुरा के जंगलों में घूम रहा हूँ.  प्रकृति के मध्य से सूर्य, चन्द्रमा और मौसम की मादकता पा रहा हूँ. कभी कभी उनकी तस्व...
13 comments:
‹
›
Home
View web version
Powered by Blogger.