बातें अपने दिल की
Thursday, August 28, 2014

परिवर्तन

›
विहान की पहली भास से दिवस के अवकाश तक पल-पल में सब, है जाता बदल परिवर्तन रहा अपनी चाल चल चढती, बढती, ढलती धूप रात्रि का भीतिकर ...
16 comments:
Sunday, August 17, 2014

नमकीन बात

›
इसमें कोई संदेह नहीं   आपका नमक खाया है खाया है, पसीने में बहाया है पर आपने शोणितपान करते कभी सोचा है रक्त में निहित सामुद्रिक स्वा...
11 comments:
Friday, August 8, 2014

कुछ बातें

›
कई वर्षो से मैंने यही महसूस किया कि थोड़ा सा मान-मर्दन, थोड़ा सा राष्ट्रवाद थोड़ा सा स्वाभिमान, थोड़ी सी आत्मा अगर मार दी जाए और थोड़ा ...
17 comments:
Tuesday, July 29, 2014

परी कथा की परिकथाएं

›
प्रेमिका अनवरत मिलन-गीत गाती है और ये कदम हैं जो लौट नहीं पाते भेड़ियों के बारे कहा गया था वो आदिम शाकाहारी हैं गाँव में शहर के कुछ ल...
16 comments:
Friday, July 18, 2014

नयी जमीन

›
इन सीलन भरी दीवारों वाले तमतृप्त वातायनहीन कमरे में सिलवट भरे बिस्तर, और   यादों की गठरी वाली इस तकिये पर एक टुकड़ा धूप, दो टुकड़ा च...
23 comments:
Sunday, June 22, 2014

कलम! कहो

›
कलम! धुंआ है, आग है, पानी है कलम! इसी से लिखनी तुझे कहानी है कलम! दुःख है, स्नेह है, निराशा है, आशा है कलम! सबके जीवन में इसी का बास...
16 comments:
‹
›
Home
View web version
Powered by Blogger.