Friday, August 8, 2014
कुछ बातें
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कई वर्षो से मैंने यही महसूस किया कि थोड़ा सा मान-मर्दन, थोड़ा सा राष्ट्रवाद थोड़ा सा स्वाभिमान, थोड़ी सी आत्मा अगर मार दी जाए और थोड़ा ...
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Tuesday, July 29, 2014
परी कथा की परिकथाएं
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प्रेमिका अनवरत मिलन-गीत गाती है और ये कदम हैं जो लौट नहीं पाते भेड़ियों के बारे कहा गया था वो आदिम शाकाहारी हैं गाँव में शहर के कुछ ल...
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Friday, July 18, 2014
नयी जमीन
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इन सीलन भरी दीवारों वाले तमतृप्त वातायनहीन कमरे में सिलवट भरे बिस्तर, और यादों की गठरी वाली इस तकिये पर एक टुकड़ा धूप, दो टुकड़ा च...
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Sunday, June 22, 2014
कलम! कहो
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कलम! धुंआ है, आग है, पानी है कलम! इसी से लिखनी तुझे कहानी है कलम! दुःख है, स्नेह है, निराशा है, आशा है कलम! सबके जीवन में इसी का बास...
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Wednesday, June 11, 2014
तह
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शोणित व नख व मांस, वसा अंगुल शिखरों तक कसा कसा आड़ी तिरछी रेखाओं में कहते, होता है भाग्य बसा हाथों की दुनिया इतनी सी वो उसका ह...
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