Friday, February 28, 2014
पुकार
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कैद रहने दो मुझे दोस्त, कोई हवा ना दो रहने दो ज़ख्म मेरे साथ, कोई दवा ना दो इन तल्ख एहसासों को उतर जाने दो सुखन में लिखने दो दास्ता...
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Wednesday, February 12, 2014
कौन कहे
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लाशें ये किसकी है, लाशों का पता, कौन कहे खून बिखरा है, मगर किसकी ख़ता, कौन कहे वो तो मकतूल की किस्मत थी, मौत आई थी ऐसे में किस-किस ...
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Sunday, January 26, 2014
काल-क्रीता
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आपके चेहरे की यह ललाई जो उभर आई है मांसल-पिंडों की थपकियों से आपके मुंह से झड़ते ये ‘मधुर’ बोल जो बहुत सुनते आये हैं पूंजीवादियों से...
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Monday, January 20, 2014
सोडियम-चिंतन
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सावन भादो की बात नहीं बारहमासी यह नाता है देखो कैसी नियति इसकी पानी भी आग लगाता है उद्योग, वसन व भोजन में महता इसकी है ज...
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Tuesday, January 14, 2014
लिखना है मुझे
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जानता हूँ कि एक दिन समय के साक्षी ये सारे शब्द जो लिखे हैं मुक्त या छंदबद्ध कभी मस्ती में डूब कर कभी अपनी पीड़ा से ऊब कर गु...
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Monday, January 6, 2014
शाम घिर आई है
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फिर वही, संध्या सुंदरी है फिर वही, कुसुम-निढाल चंचरी है फिर वही, मनमोही अरुणाभा है फिर वही, वादियों में तिमिर जागा है फिर वही, क्ष...
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Monday, December 23, 2013
‘बीच’-ट्रिप टू फ्लोरिडा'
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अस्त-व्यस्त अकुलायी लपटें अकबर का प्रभाहीन स्वर्ण-क्षत्र याचनारत श्रद्धालु यत्र-तत्र सर्वत्र बस इतना ही ज्वालामुखी मंदिर का विस...
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