बातें अपने दिल की
Sunday, January 26, 2014

काल-क्रीता

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आपके चेहरे की यह ललाई जो उभर आई है मांसल-पिंडों की थपकियों से आपके मुंह से झड़ते ये ‘मधुर’ बोल जो बहुत सुनते आये हैं पूंजीवादियों से...
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Monday, January 20, 2014

सोडियम-चिंतन

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सावन भादो की बात नहीं बारहमासी  यह  नाता है  देखो कैसी नियति इसकी पानी भी आग लगाता है   उद्योग, वसन व भोजन में महता इसकी है ज...
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Tuesday, January 14, 2014

लिखना है मुझे

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जानता हूँ कि एक दिन   समय के साक्षी ये सारे शब्द जो लिखे हैं मुक्त या छंदबद्ध   कभी मस्ती में डूब कर कभी अपनी पीड़ा से ऊब कर   गु...
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Monday, January 6, 2014

शाम घिर आई है

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फिर वही, संध्या सुंदरी है फिर वही, कुसुम-निढाल चंचरी है फिर वही, मनमोही अरुणाभा है फिर वही, वादियों में तिमिर जागा है फिर वही, क्ष...
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Monday, December 23, 2013

‘बीच’-ट्रिप टू फ्लोरिडा'

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अस्त-व्यस्त अकुलायी लपटें अकबर का प्रभाहीन स्वर्ण-क्षत्र  याचनारत श्रद्धालु यत्र-तत्र सर्वत्र बस इतना ही ज्वालामुखी मंदिर का विस...
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