बातें अपने दिल की
Wednesday, May 29, 2013

नीली रौशनी के तले

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किंग्स स्ट्रीट से हर रोज़ गुजरता हूँ घर लौटते   उसे बेतहाशा पार करने की जिद ठाने मगर ये रेड लाइट रोक लेती है मुझे नीली-पीली रौ...
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Sunday, May 26, 2013

जिसने की निंदिया की चोरी

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जिसने की निंदिया की चोरी जिसने की निंदिया की चोरी उसी की ढोरी , उसी की ढोरी मन आँगन में जिसने आकर चिर-प्रकाश का दीप जलाकर ...
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Saturday, May 18, 2013

कुछ बोलो तुम

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कुछ बोलो तुम इस मौन को त्यजकर अपने मुख को खोलो तुम कुछ बोलो तुम डरो मत तुम गर कथ्य विवादित हो ठहरो मत तुम...
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Saturday, May 11, 2013

पता तो चले

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अजी खुल के इश्तेहार कीजिये कह डालिए सबसे माँ आपके लिए क्या है तब तो पता चले सबको कितना प्यार है माँ से फूलों का गुलदस्ता भेजिए ...
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Tuesday, May 7, 2013

चाँद से शिकायत

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देख ली तुम्हारी हकीकत निर्जन, निर्वात, पथरीला यही सच है तुम्हारा झूठे मामा मेरे बचपन के पर-आभा से चमकने वाले क्यों मैं पूजूं तु...
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Sunday, April 21, 2013

बहुरुपिया

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दीवार पर टंगे दर्पण में और फिर अपने मन में  देखेंगे खुद को  हो गंभीर  तो दिखेगी अपनी अलग-अलग तस्वीर  दीवार का आइना दिखाता है  सिर्फ...
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Monday, April 15, 2013

कैसे तज दूं ‘प्राण’ को!

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ये मेरी मंजुल-मुखी, खो ना जाए इस तमस में इसलिए है छुपा रखा मैंने इसे पंजर-कफस में संग मेरे  स्वप्न में संग है हर श्वास में अ...
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Wednesday, April 10, 2013

गामवाली

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(कोसी के धार-कछार के मध्य गामवाली की धरती)  इब्तिदा चचा ग़ालिब के इस शेर से - लिखता है 'असद' सोज़िशे दिल से सुखन-ऐ-गर...
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Wednesday, April 3, 2013

आशा का दीप

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आशा का दीप लौ दीप का अस्थिर कर जाता है जब एक हवा का झोंका आता है पल भर को तम होता लेकिन फिर त्विषा से वो भर जाता है इस दीप क...
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Wednesday, March 27, 2013

पहचान

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(वोयेजर द्वारा करीब ६ खरब किलोमीटर दूर से ली गयी पृथ्वी की तस्वीर)  पहचान  विस्तृत अंतरिक्ष के   एक दीप्त आकाशगंगा में कण...
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Saturday, March 23, 2013

फागुनी संवाद

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मेरे गाँव में देवर और भाभी के बीच फाग-लड़ाई की साल भर प्रतीक्षा होती है. ये संवाद उसी पृष्टभूमि में है. सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभक...
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Friday, March 15, 2013

प्यार की वैज्ञानिक कविता

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प्यार की वैज्ञानिक कविता स्मृति के चुम्बक पर बारहा लौट आते हो लौह दिल के मालिक यास दिए जाते हो मन नाभिक के पास    इलेक्ट्रान...
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Saturday, March 9, 2013

सोचो नदियाँ क्या कहती है!

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सोचो नदियाँ क्या कहती है! चलती रहती वह हर क्षण अपने पथ पर हर तृषित का करती है वो रसमय अधर पावस शरद की परवाह नहीं करती है वो उत्...
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Friday, March 1, 2013

गर्भवती

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गर्भवती  सुबह अपनी प्रयोगशाला पहुँचा  तो अपने नियत स्थान से "शिकागोवाली" गायब थी  बस्ता रखा और  अपने घुलते र...
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