Saturday, February 23, 2013
ज़िन्दगी के रंग
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ज़िन्दगी के रंग गाँव के अन्दर, शहर के बीच और देश के बाहर कभी ठेस खाकर कभी प्यार पाकर ज़िन्दगी की राह पर चलते सँभलते कभी लड़ख...
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प्रिये तुम चलोगी साथ मेरे?
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महान निर्देशक गुरु दत्त के फिल्मों का मैं बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ. उनकी मशहूर फिल्म ' प्यासा ' कई बार देखी है. फिल्म के आखिर...
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Sunday, February 17, 2013
कवि का सच
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कवि का सच लोग कहते हैं कविता झूठी है कल्पना का सागर है जिसका यथार्थ से कुछ वास्ता नहीं लोग कहते हैं कवि कविता की आड़ में अपन...
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रात की बात
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रात की बात जब आसमाँ से गुम हो निशाँ आफताब के हो माह में डूबा ज़माना, रात को आना पाओगी सितारों की झलक, जुगनू भी मिलेंगे उस...
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Saturday, February 2, 2013
जवाब पत्थर का
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पत्थर से गुफ्तगू पत्थर से मैंने सबब पूछा क्यों इतने कठोर हो निष्ठुर हो, निर्दय हो खलनायकी के पर्याय हो कभी किसी के पाँव लग...
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Saturday, January 26, 2013
क़द्र रौशनी की
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क़द्र रौशनी की जिन आँखों ने देखे थे सपने चाँद सितारों के वो जल-जल कर आज अग्नि की धार बने हैं सपने हों या तारें हों, अक्सर टूटा...
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Sunday, January 20, 2013
पंथ निहारे रखना
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पंथ निहारे रखना छोड़ दो ताने बाने भूल के राग पुराने प्रेम सुधा की सरिता आ जाओ बरसाने प्रियतम दूर कहाँ हो किस वन, प्रांतर मे...
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काली बातें
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काली बातें रात है निस्तब्ध और मैं अकेला चला जा रहा हूँ ना कोई मंजिल है और न वजह बस चलना है इसलिए चलता हूँ रात गहरी है, हैं ...
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Saturday, January 12, 2013
ज्योति थी तुम जीते जी, ज्योत हो तुम मर कर भी
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ज्योति थी तुम जीते जी, ज्योत हो तुम मर कर भी तेरी चीख नहीं सुनी हमने पर घोर शोर है मन में धधक उठी आज आग हमारे हिस्से के हर कण ...
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Friday, January 4, 2013
जल! तेरी यही नियति है मन
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जल! तेरी यही नियति है मन जीवन पथ कुछ ऐसा ही है चुभते ही रहेंगे नित्य शूल हो सत्मार्गी पथिक तो भी उठ ही जाते हैं स्वर-प्रतिक...
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Sunday, December 30, 2012
बगावत अपने घर
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बगावत अमानत भेंट हुई है आज उस पाशविकता के जो आई है समाज के कण-कण में पसरे दानवता से और जब से वह अर्ध्स्फुट पुष्प गई है लोक-प...
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Tuesday, December 25, 2012
आ सजा लो मुंडमाल
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“फूल” थी वो, फूल सी प्यारी जब कुचली गयी थी वो बेचारी जीवन में पहली उड़ान लेती वो मगर तभी किसी ने काट लिए थे उसके पर हंगामे त...
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