बातें अपने दिल की
Saturday, October 27, 2012

कुछ अशआर

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नवा-ए-दिल एक कल बीत चुका, एक कल आने को है सुनो मेरे अहबाब, आज कुछ बताने को है    किस-किस से बचता रहूँ सफ़र-ए-हयात में ह...
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Friday, October 26, 2012

समय बड़ा बलवान

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माज़ूर लाख बहलाता हूँ दिल को, लेकिन  बहल पाता नहीं बना पीर का सागर ह्रदय, अब कुछ मुझे भाता नहीं  रौशनी ही रौशनी चारों तरफ फैली ...
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Thursday, October 11, 2012

भागलपुर के ज़ख्म

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जब कभी डूब जाता हूँ माज़ी में, तसव्वुर में याद करता हूँ वो क़त्ल-ओ-खूँ भागलपुर में सैकड़ों लाशें बस एक ही करती थी बयाँ मजहबों ...
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Wednesday, October 3, 2012

कैसे कह दूँ भारत महान ?

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इस कविता को पोस्ट करने से पहले यह बता दूँ की अपनी मिट्टी के कण-कण से मुझे बेहद प्यार है. यह देख कर बहुत अच्छा अनुभव होता है कि देश विक...
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Sunday, September 23, 2012

ढूँढता हूँ मैं किनारा

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ढूँढता हूँ मैं किनारा है अथाह सरिता, तेज  प्रवाह है शूलों से भरी अपनी  राह है चाहता हूँ एक तिनके का सहारा ढूँढता हूँ मैं किना...
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Thursday, September 13, 2012

शाम से सुबह तक

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हिंदी दिवस के अवसर पर प्रस्तुत है करीब महीने भर पहले लिखी मेरी यह कविता- शाम से सुबह तक रक्तिम किरणें पश्चिम की  हो गईं निस्तेज  कह रही चिड...
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Wednesday, August 29, 2012

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ज़मीन ज़ुमाद, ना ज़ुमाद वक्त वही फैला आकाश, वही चाँद, वही टिमकते तारे हैं अब भी हीर है, राँझे हैं, और जमाने की दीवारें है कही ख...
Saturday, August 11, 2012

मैं प्रतीक्षा में खड़ा हूँ

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मैं प्रतीक्षा में खड़ा हूँ एक दिन जब इस धरा पर प्यार की कलियाँ खिलेंगी और घृणा की दीवारें  जड़ से हिलकर गिरेंगी धर्म जात के नाम...
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Tuesday, August 7, 2012

कोसी मैया? (Mother Kosi ?)

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निर्लज्ज देखा सदियों से हमने तेरा विकराल स्वरुप जो थी तुझमे पहले वैसी अब भी  भूख चाँद सितारे ना बदले ना बदला तेरा ढंग ...
Sunday, August 5, 2012

मिटटी मेरी पुकारे

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कितने बीते मनभावन सावन कितनी जली होलिका, रावण पर हाय  तपस्या में हर क्षण विकल प्रतिपल अकुलाता मन जीता  बस  यादों के सहा...
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