बातें अपने दिल की
Wednesday, August 29, 2012

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ज़मीन ज़ुमाद, ना ज़ुमाद वक्त वही फैला आकाश, वही चाँद, वही टिमकते तारे हैं अब भी हीर है, राँझे हैं, और जमाने की दीवारें है कही ख...
Saturday, August 11, 2012

मैं प्रतीक्षा में खड़ा हूँ

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मैं प्रतीक्षा में खड़ा हूँ एक दिन जब इस धरा पर प्यार की कलियाँ खिलेंगी और घृणा की दीवारें  जड़ से हिलकर गिरेंगी धर्म जात के नाम...
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Tuesday, August 7, 2012

कोसी मैया? (Mother Kosi ?)

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निर्लज्ज देखा सदियों से हमने तेरा विकराल स्वरुप जो थी तुझमे पहले वैसी अब भी  भूख चाँद सितारे ना बदले ना बदला तेरा ढंग ...
Sunday, August 5, 2012

मिटटी मेरी पुकारे

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कितने बीते मनभावन सावन कितनी जली होलिका, रावण पर हाय  तपस्या में हर क्षण विकल प्रतिपल अकुलाता मन जीता  बस  यादों के सहा...
1 comment:
Wednesday, August 1, 2012

पहला पोस्ट

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कुछ साल पहले ब्लॉग लिखना शुरू किया था. लेकिन ज्यादा लिख नहीं पाया. वक्त की पाबंदियां, कुछ दूसरी परिस्थियों की वजह से ज्यादा लिख नहीं पाया. ...
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