Showing posts with label
मिट्टी
.
Show all posts
Showing posts with label
मिट्टी
.
Show all posts
Saturday, July 13, 2013
पनडुब्बी
›
इतनी भी प्यास नहीं, इतना भी स्वार्थ नहीं जहाँ देखा मधु-घट वही पर ढल गए ठहरा नहीं तितली जैसा जी भर पराग चखा फिर देख नय...
31 comments:
Wednesday, April 10, 2013
गामवाली
›
(कोसी के धार-कछार के मध्य गामवाली की धरती) इब्तिदा चचा ग़ालिब के इस शेर से - लिखता है 'असद' सोज़िशे दिल से सुखन-ऐ-गर...
20 comments:
Saturday, February 23, 2013
ज़िन्दगी के रंग
›
ज़िन्दगी के रंग गाँव के अन्दर, शहर के बीच और देश के बाहर कभी ठेस खाकर कभी प्यार पाकर ज़िन्दगी की राह पर चलते सँभलते कभी लड़ख...
21 comments:
Sunday, November 11, 2012
माँ से दूर
›
फैला के अपना दामन ड्योढ़ी के मुहाने पर बैठ जाती है हर रोज़ मेरे आमद की आस लिए अपने तनय की पदचाप सुनने कहती हवाओं से जल्दी पश्चिम...
8 comments:
Sunday, August 5, 2012
मिटटी मेरी पुकारे
›
कितने बीते मनभावन सावन कितनी जली होलिका, रावण पर हाय तपस्या में हर क्षण विकल प्रतिपल अकुलाता मन जीता बस यादों के सहा...
1 comment:
›
Home
View web version