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Monday, December 3, 2012
आतिश-ओ-गुल
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ये तो मैंने माना, ज़िन्दगी एक सज़ा है पर कौन जानता है, इससे बेहतर क़ज़ा है ये परवाने जानते हैं, या जानता है आशिक कि आग में डू...
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Saturday, November 24, 2012
विरहगान
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बैरी रैन काटी नहीं जाय ,एक अजीब उलझन सी लागे मैं तरसूँ रह-रह आस तोहारे, निश सारी डरन सी लागे बाग़ ना सोहे मोहे बलमा ,बिन रंग लागे ...
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Saturday, October 27, 2012
कुछ अशआर
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नवा-ए-दिल एक कल बीत चुका, एक कल आने को है सुनो मेरे अहबाब, आज कुछ बताने को है किस-किस से बचता रहूँ सफ़र-ए-हयात में ह...
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Friday, October 26, 2012
समय बड़ा बलवान
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माज़ूर लाख बहलाता हूँ दिल को, लेकिन बहल पाता नहीं बना पीर का सागर ह्रदय, अब कुछ मुझे भाता नहीं रौशनी ही रौशनी चारों तरफ फैली ...
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Wednesday, August 29, 2012
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ज़मीन ज़ुमाद, ना ज़ुमाद वक्त वही फैला आकाश, वही चाँद, वही टिमकते तारे हैं अब भी हीर है, राँझे हैं, और जमाने की दीवारें है कही ख...
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