बातें अपने दिल की
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Tuesday, August 7, 2012

कोसी मैया? (Mother Kosi ?)

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निर्लज्ज देखा सदियों से हमने तेरा विकराल स्वरुप जो थी तुझमे पहले वैसी अब भी  भूख चाँद सितारे ना बदले ना बदला तेरा ढंग ...
Sunday, August 5, 2012

मिटटी मेरी पुकारे

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कितने बीते मनभावन सावन कितनी जली होलिका, रावण पर हाय  तपस्या में हर क्षण विकल प्रतिपल अकुलाता मन जीता  बस  यादों के सहा...
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