tag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post7587008085801199979..comments2023-10-31T02:35:52.564-04:00Comments on बातें अपने दिल की : नव-निर्माणओंकारनाथ मिश्र http://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-70834967088294591262013-08-17T01:08:44.056-04:002013-08-17T01:08:44.056-04:00अद्भुत!
धन्य हुए यहाँ आकर!अद्भुत!<br />धन्य हुए यहाँ आकर!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-25253984940870794982013-08-13T12:56:49.442-04:002013-08-13T12:56:49.442-04:00 कविता में हो रहे नव-निर्माण का स्वागत है .... कविता में हो रहे नव-निर्माण का स्वागत है ....संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-80433221566990190752013-08-09T10:57:54.097-04:002013-08-09T10:57:54.097-04:00आओ कविजन! रस से हटकर
कविता में हो कुछ नव-निर्मा...आओ कविजन! रस से हटकर <br />कविता में हो कुछ नव-निर्माण<br /><br />...बहुत सारगर्भित प्रस्तुति...उत्कृष्ट रचना...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-42604781908960495972013-08-09T00:00:15.791-04:002013-08-09T00:00:15.791-04:00बेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर
अभिव्यक्ति......बेहतरीन अंदाज़..... सुन्दर<br />अभिव्यक्ति......विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-26049365755183092812013-08-08T22:06:22.384-04:002013-08-08T22:06:22.384-04:00रस वर्षा में कहाँ रस भंग हुआ ?रस वर्षा में कहाँ रस भंग हुआ ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-34580537724494391002013-08-08T03:03:23.663-04:002013-08-08T03:03:23.663-04:00कविता में नव-प्राण का आहवान!! गजब कविता में नव-प्राण का आहवान!! गजब सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-20137326311551027602013-08-03T09:36:55.802-04:002013-08-03T09:36:55.802-04:00कविता में सारे रस हैं बंधुवर । हां विज्ञान की बाते...कविता में सारे रस हैं बंधुवर । हां विज्ञान की बातें नही हैं आप लाइये, शुरुआत करने से ही राह बनेगी । <br />नयी सी प्रस्तुति के लिये आभार ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-37541580017517845472013-08-01T10:35:41.228-04:002013-08-01T10:35:41.228-04:00सदियों की यात्रा के बाद
परिवर्तित रूप में भी वही ह...सदियों की यात्रा के बाद<br />परिवर्तित रूप में भी वही हाल है<br />किसी मुदिता की मुख-चांदनी पर <br />सारे शब्द निढाल हैं..........बहुत सुंदर ........mark raihttps://www.blogger.com/profile/11466538793942348029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-8058279994809061892013-07-22T08:41:03.357-04:002013-07-22T08:41:03.357-04:00यथार्थ चित्रित किया है प्रशंसनीय रचना - बधाई
शब्द... यथार्थ चित्रित किया है प्रशंसनीय रचना - बधाई<br />शब्दों की मुस्कुराहट पर <b><a href="http://sanjaybhaskar.blogspot.in/" rel="nofollow">.... हादसों के शहर में :)</a> </b> <br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-44084860014276274532013-07-22T05:03:14.962-04:002013-07-22T05:03:14.962-04:00गज़ब........कविता का सौंदर्य से विज्ञान तक का सफ़र...गज़ब........कविता का सौंदर्य से विज्ञान तक का सफ़र......परन्तु मुझे लगता है कि नई कविता से जो आरम्भ हुआ है वो कविता को एक अन्य ऊँचे स्तर तक ले जाता है........विज्ञान को कविता से अलग ही रखा जाये तो बेहतर है.......क्योंकि कविता का उदगम ह्रदय है और विज्ञान का मस्तिष्क.......दोनों अलग केद्रों से निकलते हैं और अलग केन्द्रों तक पहुँचते हैं ।इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-15809603051904772132013-07-22T04:59:43.441-04:002013-07-22T04:59:43.441-04:00This comment has been removed by the author.इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-45150778926907461562013-07-21T20:58:32.725-04:002013-07-21T20:58:32.725-04:00काव्य रचना का सौन्दर्य सिर्फ श्रृंगार रस में ही न...काव्य रचना का सौन्दर्य सिर्फ श्रृंगार रस में ही नहीं , करुण और वीर रस भी अनुभूतियों की सांद्रता को भली भांति उजागर करते हैं ! काव्य में रास के अतिरिक्त सामजिक , आर्थिक और राजनैतिक दुर्व्यवस्थाओं पर प्रहार भी संभव है . <br /> प्रेरक विचार !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-49341402382534565822013-07-21T14:58:11.537-04:002013-07-21T14:58:11.537-04:00
बहुत गहन और सुंदर अनुभूति
उत्कृष्ट प्रस्तुति
सादर...<br />बहुत गहन और सुंदर अनुभूति<br />उत्कृष्ट प्रस्तुति<br />सादर <br /><br />आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी पधारें <br />केक्ट्स में तभी तो खिलेंगे--------<br />Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-12243269840525569272013-07-21T13:28:28.610-04:002013-07-21T13:28:28.610-04:00बहुत सुंदर और प्रवाहमयी रचना .... पर अब कविता के ...बहुत सुंदर और प्रवाहमयी रचना .... पर अब कविता के तेवर बादल गए हैं .... कोई किसी को खुश करने के लिए नहीं लिखता ..... जो महसूस होता है वही कविता बन उतर आती है । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-67534772441957498752013-07-21T05:31:42.994-04:002013-07-21T05:31:42.994-04:00'' सत्य और जीवन की समझ केलिये अनुसंधानरत &...'' सत्य और जीवन की समझ केलिये अनुसंधानरत '' - इस कविता मे आपका ये स्टेटमेंट सार्थक छलकता है । Dayanand Aryahttps://www.blogger.com/profile/05806267941810654316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-35992373811430497772013-07-21T04:20:00.051-04:002013-07-21T04:20:00.051-04:00सतत प्रवाह जैसे बह निकला हो ... पर कविता हमेशा से ...सतत प्रवाह जैसे बह निकला हो ... पर कविता हमेशा से रस हीन रही हो ऐसा तो नहीं लगता ... क्योंकि भूख भी तो हमेशा से रही है ... वो बी तो एक कविता है ... पूर्णता का भाव लिए कविता के शब्द ... बहुत उम्दा प्रस्तुति ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-58222336399865423712013-07-20T22:14:01.030-04:002013-07-20T22:14:01.030-04:00एकदम दिलकश और परिपूर्ण काव्य.... जितनी भी तारीफ़ की...एकदम दिलकश और परिपूर्ण काव्य.... जितनी भी तारीफ़ की जाए , वो कम है ....Rahul...https://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-6290608655249797792013-07-20T20:29:25.270-04:002013-07-20T20:29:25.270-04:00सहमत हूँ मधुरेश भाई. ब्लॉगजगत तो बहुत अच्छा है. यह...सहमत हूँ मधुरेश भाई. ब्लॉगजगत तो बहुत अच्छा है. यहाँ पर मुझे भी कई उत्कृष्ट रचनाएँ पढ़ने को मिली जो मेरे इंगित रस से इतर विषयों पर लिखी गयी हैं. कई ऐसी जिसे बार-बार पढ़ा. पिछले दिनों एटलांटा तथा कुछ अन्य जगहों पर काव्य श्रवण के लिए गया था. लेकिन वहाँ पर सस्ते रसोद्रेक को देखकर व्यथा हुई. वही व्यथा यहाँ पर उभरी है. ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-64726554134396519502013-07-20T18:05:26.951-04:002013-07-20T18:05:26.951-04:00निहार भाई, स्मृति की बात तो अमृता जी ने कर ही दी ....निहार भाई, स्मृति की बात तो अमृता जी ने कर ही दी ..मगर ये रचना जो बेबाक सन्देश दे रही है, वो वाकई कई बार सोचने को मजबूर कर रहा है ... हांलांकि कह सकता हूँ कि आज के ब्लॉगजगत में कई उत्कृष्ट रचनाएँ पढने को मिल ही जाती हैं जो ज्ञान -विज्ञान-अनुसंधान, सामाजिक और राजनैतिक व्यंग-कटाक्ष जैसे कई 'रसों' से भरे होते हैं - और ये सौभाग्य साहित्य का। अन्यथा डार्विन की भाषा में ये सब कुछ समाप्त हुआ जाता। <br />बेहतरीन रचना, और सार्थक सन्देश। Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-19472118844452328252013-07-20T15:07:46.965-04:002013-07-20T15:07:46.965-04:00kyaa baat hai nihaar ji
ras se poori tarah sarabo...kyaa baat hai nihaar ji <br />ras se poori tarah sarabor kar gayi aapki yah rachna .. wwah !<br />आपकी इस उत्कृष्ट प्रस्तुति की चर्चा कल रविवार, दिनांक 21/07/13 को ब्लॉग प्रसारण पर भी http://blogprasaran.blogspot.in/ कृपया पधारें । औरों को भी पढ़ें shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-42402935811376549592013-07-20T14:27:44.850-04:002013-07-20T14:27:44.850-04:00बहुत सुंदर .....!!बहुत ही सुंदर
लाजवाब पोस्ट
बहुत सुंदर .....!!बहुत ही सुंदर<br />लाजवाब पोस्ट<br />ashokkhachar56@gmail.comhttps://www.blogger.com/profile/07939212398427669565noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-15852586463375398032013-07-20T13:42:29.340-04:002013-07-20T13:42:29.340-04:00अरे वाह! बहुत ही सुन्दर कविता. काव्य सौंदर्य और शब...अरे वाह! बहुत ही सुन्दर कविता. काव्य सौंदर्य और शब्द चयन दोनों अद्वितीय . कोशी और मिसिशिपी का ऐसा अद्भुत सम्मिलन आपकी कविताओं में देखने को मिलता है जिसका जवाब नहीं .. इतिहास को विज्ञानं से कविता के माध्यम से जोड़ने का अनुपम प्रयास है आपकी कविता .. <br />आपकी इस रचना के लिंक की प्रविष्टी सोमवार (22.07.2013) को <a href="http://blogprasaran.blogspot.in/" rel="nofollow">ब्लॉग प्रसारण</a> पर की जाएगी. कृपया पधारें .Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-56788671507903355282013-07-20T12:25:19.069-04:002013-07-20T12:25:19.069-04:00बहुत ही सुंदर
लाजवाब पोस्टबहुत ही सुंदर<br />लाजवाब पोस्टAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-7673293462944516692013-07-20T11:42:39.331-04:002013-07-20T11:42:39.331-04:00कविता में क्यों नहीं बहेगा निर्मल नीर..... नूतन सम...कविता में क्यों नहीं बहेगा निर्मल नीर..... नूतन समीर.... हम पुराने लीक से बहुत बाहर आए है और आने की जरुरत आगे भी है....... बिल्कुल सही फ़रमाया आपने .....Ranjana vermahttps://www.blogger.com/profile/18228698425578643882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-32618429552671616962013-07-20T10:27:22.979-04:002013-07-20T10:27:22.979-04:00वाह ...एक अलग अनुसंधान ...
वैज्ञानिक कविता की खोज...वाह ...एक अलग अनुसंधान ...<br /> वैज्ञानिक कविता की खोज ...!!बहुत सुंदर ....Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com