tag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post6133770734553255892..comments2023-10-31T02:35:52.564-04:00Comments on बातें अपने दिल की : साँकलओंकारनाथ मिश्र http://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-23972786446412434872012-11-09T20:42:17.995-05:002012-11-09T20:42:17.995-05:00कुछ यही भावनाएं हमारी भी हैं इधर ... :) कुछ यही भावनाएं हमारी भी हैं इधर ... :) Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-12235697129965589502012-11-06T04:55:02.234-05:002012-11-06T04:55:02.234-05:00मानता हूँ तेरे कद को, कितनी है सहनशील
उफ़ भी नहीं ...मानता हूँ तेरे कद को, कितनी है सहनशील<br />उफ़ भी नहीं करती जबकि तेरे पीछे है कितने चील <br /><br />....बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-31473250667213716332012-11-05T00:54:36.900-05:002012-11-05T00:54:36.900-05:00सभी पंक्तियाँ अर्थपूर्ण ......सभी पंक्तियाँ अर्थपूर्ण ...... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-69020123981875508382012-11-05T00:54:29.887-05:002012-11-05T00:54:29.887-05:00सभी पंक्तियाँ अर्थपूर्ण ......सभी पंक्तियाँ अर्थपूर्ण ...... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-9357397620201821902012-11-04T01:09:22.195-05:002012-11-04T01:09:22.195-05:00बात ज़िंदगी के अनुभव से श्रु हुयी .... और नारी के ...बात ज़िंदगी के अनुभव से श्रु हुयी .... और नारी के हर रूप की समस्याओं को बखूबी लिखा .... अच्छी प्रस्तुति संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-55722185379178965132012-11-04T00:44:10.845-04:002012-11-04T00:44:10.845-04:00जी, वो मेरे भी बहुत पसंदीदा कवि और लेखक है. कुछ मह...जी, वो मेरे भी बहुत पसंदीदा कवि और लेखक है. कुछ महीने गाँव में पिताजी से उनकी मैथिली में लिखी दुर्लभ रचनाये मिली. पढ़कर बहुत अच्छा लगा. मैथिली समाज के कई "रोगों" को उन्होंने बखूबी छुआ निडर होकर. हिंदी के लेखन भी लाजवाब है उनका. ये कविता उसी से प्रेरित है. उनकी भाषा तो मुझको नहीं है और ना ही तेवर. बस एक छोटा प्रयास है. धन्यवाद.<br />~निहार ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-4963385429314218982012-11-04T00:23:05.436-04:002012-11-04T00:23:05.436-04:00Rajkamal chaudhry mere bhi pasandeeda hain, aap un...Rajkamal chaudhry mere bhi pasandeeda hain, aap unmen utar aaye. sundar!Prabodh Kumar Govilhttps://www.blogger.com/profile/12839366183996594801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-73543726833699277042012-11-03T17:39:14.722-04:002012-11-03T17:39:14.722-04:00शब्द-शब्द कुरेद रहा था भावनाओं को इस सीने में .. ...शब्द-शब्द कुरेद रहा था भावनाओं को इस सीने में .. इस रचना के लिए बहुत बहुत बधाई निहार भाई। आपने वो सारे तार छुए हैं इस रचना में, जिससे हम सभी जुड़े हैं मगर व्यक्त नहीं कर पातें .. Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-45150696441234222972012-11-03T05:31:46.626-04:002012-11-03T05:31:46.626-04:00 सराहनीय प्रस्तुति आभार सराहनीय प्रस्तुति आभार Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-66208063246632434772012-11-03T05:21:41.489-04:002012-11-03T05:21:41.489-04:00लगता मैं चुपचाप, कायर, किसी के पाँव दबा रहा हूँ
स्...लगता मैं चुपचाप, कायर, किसी के पाँव दबा रहा हूँ<br />स्वादिष्ट रोटी और गोश्त, घर में आराम से चबा रहा हूँ ... यही लगना एक सुलगती चिंगारी है !<br />........<br />हर परिवेश को बखूबी उतारा है रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com