tag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post5940582115814938531..comments2023-10-31T02:35:52.564-04:00Comments on बातें अपने दिल की : ले लिया मौसम ने करवटओंकारनाथ मिश्र http://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-71626646981545713002017-08-28T22:30:18.946-04:002017-08-28T22:30:18.946-04:00निश्चय की किसी दिन चलेंगे साथ में. मुझे भी पर्वतों...निश्चय की किसी दिन चलेंगे साथ में. मुझे भी पर्वतों और प्रकृति में बीच जाकर बहुत अच्छा लगता है.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-49837882609452438822017-08-23T12:50:32.217-04:002017-08-23T12:50:32.217-04:00यह अगस्त चल रहा है। सितंबर आनेवाला है। सितंबर आखिर...यह अगस्त चल रहा है। सितंबर आनेवाला है। सितंबर आखिरी में आपने पिछली बार जो चित्र खींचे थे। उनमें से दूसरा और आठवां चित्र आज फिर से बहुत से ध्यान से देखा और देर तक देखता ही रह गया। ऐसे लगा जैसे ये चित्र मुझे अति व्याकुल होकर बुला रहे हैं। ऐसी यात्राएं करते रहें। इस बार यदि दिल्ली की ओर आना होगा तो अवगत अवश्य कराएं। मैं भी यात्रा में साथ हो लूंगा।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-5788792830078729622016-02-05T09:11:08.651-05:002016-02-05T09:11:08.651-05:00सुन्दर चित्र ... और उनपे चलती लेखनी तो चार चाँद लग...सुन्दर चित्र ... और उनपे चलती लेखनी तो चार चाँद लगा रही है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-22822315475486999622015-10-19T03:00:42.291-04:002015-10-19T03:00:42.291-04:00बहुत ही सुंदर गहन भाव अभिव्यक्ति है। काश हम इस मशी...बहुत ही सुंदर गहन भाव अभिव्यक्ति है। काश हम इस मशीनी युग या समाज को छोड़कर वापस उस प्रकर्ति की गोद में शरण ले पाते तो शायद आज जीवन कुछ और ही होता। Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-66033848038171329732015-10-13T03:52:10.597-04:002015-10-13T03:52:10.597-04:00आपका पूरा मन मिजाज इस मौसम में लोटपोट हो गया है. य...आपका पूरा मन मिजाज इस मौसम में लोटपोट हो गया है. ये सबको नसीब कहाँ होता है.. तस्वीरों का उल्लास तो देखते बन रहा है. Rahul...https://www.blogger.com/profile/11381636418176834327noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-34435553510911526062015-10-05T00:54:32.372-04:002015-10-05T00:54:32.372-04:00क्पोत-क्पोती कब से बैठे
फिर भी क्यों न बात होती
यह...क्पोत-क्पोती कब से बैठे<br />फिर भी क्यों न बात होती<br />यही पृच्छा मन में उत्कट<br />क्या पता कहीं दोनों में मनमुटाव हो गया हो :)<br />सुन्दर लगी रचना !<br />Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-72306675012294007652015-10-05T00:50:04.829-04:002015-10-05T00:50:04.829-04:00रमणीय प्रकृति की गोद में जो सुकून है संसार के कोला...रमणीय प्रकृति की गोद में जो सुकून है संसार के कोलाहल में कहाँ ?<br />सुन्दर भावभरी कविता और उसके अनुरूप चित्र दोनों एकदूसरे के पूरक है !<br />बहुत सुन्दर चित्रण निहार जी !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-87102971197257423432015-10-03T08:06:47.811-04:002015-10-03T08:06:47.811-04:00बहुत सुन्दर और प्रवाहमयी कविता। तस्वीरें भी ख़ूब है...बहुत सुन्दर और प्रवाहमयी कविता। तस्वीरें भी ख़ूब हैं। <br />Himkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-65578802103722054592015-10-01T05:27:51.350-04:002015-10-01T05:27:51.350-04:00आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (02.10.2015...<br />आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (02.10.2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.ae/" rel="nofollow"> "दूसरों की खुशी में खुश होना "(चर्चा अंक-2116) </a> पर लिंक की गयी है, कृपया पधारें और अपने विचारों से अवगत करायें, चर्चा मंच पर आपका स्वागत है।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ, सादर...!Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-13508136649508754852015-10-01T05:07:19.391-04:002015-10-01T05:07:19.391-04:00गहन भाव से पूर्ण कविता। चित्रों से मौसम का स्वरूप...गहन भाव से पूर्ण कविता। चित्रों से मौसम का स्वरूप प्रकट होता है। अश्विन की यह बेला आजकल रात-दिन आकर्षण का कहर ढा रही है। आपके प्राकृतिक चित्र बहुत सुन्दर हैं विशेषकर खेतों व ढलते सूरल व बादलों के चित्रHarihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-32810687666963000882015-10-01T00:52:46.798-04:002015-10-01T00:52:46.798-04:00लाजवाब लाजवाब Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-77181881490515595732015-09-30T21:35:24.934-04:002015-09-30T21:35:24.934-04:00अद्भुत बहुत सुन्दर...... ,इसे पढ़कर सतपुरा के घने ज...अद्भुत बहुत सुन्दर...... ,इसे पढ़कर सतपुरा के घने जंगल कविता की याद आ गई कौशल लालhttps://www.blogger.com/profile/04966246244750355871noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-5542946121718919092015-09-30T20:45:10.366-04:002015-09-30T20:45:10.366-04:00आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में"...<i><b> आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 02 अक्टूबर 2015 को लिंक की जाएगी...............<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in" rel="nofollow"> http://halchalwith5links.blogspot.in </a>पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com