tag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post2585331358232902600..comments2023-10-31T02:35:52.564-04:00Comments on बातें अपने दिल की : आशा का दीप ओंकारनाथ मिश्र http://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-77005987211143967912013-04-18T02:40:42.706-04:002013-04-18T02:40:42.706-04:00आशा का दीप यूँ ही जलते रहना चाहिए आशा का दीप यूँ ही जलते रहना चाहिए संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-66026867453258832492013-04-11T09:25:50.885-04:002013-04-11T09:25:50.885-04:00No matter how many problems come or go away, the s...No matter how many problems come or go away, the spirit remains intact. Strong message.Saru Singhalhttps://www.blogger.com/profile/12860642404643756746noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-63439581484231217352013-04-10T00:27:28.392-04:002013-04-10T00:27:28.392-04:00सुन्दर रूपक रचा है !सुन्दर रूपक रचा है !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-43612135853421359652013-04-09T17:12:56.755-04:002013-04-09T17:12:56.755-04:00नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !
पल प्रत...<b> </b><br /><b> </b><br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow"><br />नव संवत् का रवि नवल, दे स्नेहिल संस्पर्श !<br />पल प्रतिपल हो हर्षमय, पथ पथ पर उत्कर्ष !!</a></b><br /><b> </b><br /><b> </b><br /><b>श्रमजल से सिंचित यह प्रतिपल<br />जाज्ज्वल्यमान यह दीप अचल<br />बाधा के पतंगों से लड़कर<br />मुस्काता रहता है अविरल<br />पतंगा आता है, मर जाता है<br />पर दीप नहीं बुझ पाता है </b><br />बहुत सुंदर <b><i>आदरणीय निहार रंजन जी !</i></b> <br /><b> </b>अच्छा प्रेरक गीत लिखा है आपने ... <br /><b> </b>आभार एवं साधुवाद !<br /><b> </b> <br />आपको सपरिवार <b>नव संवत्सर २०७० की बहुत बहुत बधाई !<br />हार्दिक शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं... </b> <br />-राजेन्द्र स्वर्णकार <br /><b> </b><br /><b> </b><br /><b> </b>Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-73438959439138216942013-04-09T09:29:48.773-04:002013-04-09T09:29:48.773-04:00बस यही हौसले तो पार लगाते हैं...हमें मंजिल तक पहुं...बस यही हौसले तो पार लगाते हैं...हमें मंजिल तक पहुंचाते हैं...बहुत सुन्दर और प्रेरक Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-44139239936953017492013-04-08T00:27:47.034-04:002013-04-08T00:27:47.034-04:00और ये दीप कितनों को यूँ ही जलना सिखा जता है ... अत...और ये दीप कितनों को यूँ ही जलना सिखा जता है ... अति सुन्दर रचना..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-9248311086693790322013-04-08T00:26:57.981-04:002013-04-08T00:26:57.981-04:00और ये दीप कितनों को यूँ ही जलना सिखा जता है ... अत...और ये दीप कितनों को यूँ ही जलना सिखा जता है ... अति सुन्दर रचना..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-23066691518397260412013-04-07T21:32:30.806-04:002013-04-07T21:32:30.806-04:00
लौ दीप का अस्थिर कर जाता है
जब एक हवा का झोंका आत...<br />लौ दीप का अस्थिर कर जाता है<br />जब एक हवा का झोंका आता है<br />पल भर को तम होता लेकिन<br />फिर त्विषा से वो भर जाता है<br />इस दीप की है कुछ बात अलग<br />यह दीप नहीं बुझ पाता है<br />सुन्दर ,मर्मस्पर्शी गीत मित्र बधाई |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-30194579414803153642013-04-07T03:54:49.567-04:002013-04-07T03:54:49.567-04:00ati sundar abhiwayakti..ati sundar abhiwayakti..Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-77743768889958563852013-04-07T02:40:00.102-04:002013-04-07T02:40:00.102-04:00श्रमजल से सिंचित यह प्रतिपल
जाज्व्ल्यमान यह दीप अच...श्रमजल से सिंचित यह प्रतिपल<br />जाज्व्ल्यमान यह दीप अचल<br />बाधा के पतंगों से लड़कर<br />मुस्काता रहता है अविरल.<br /><br />सुंदर संवेदनशील और भावपूर्ण प्रस्तुति.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-36841275705231593532013-04-06T13:01:42.787-04:002013-04-06T13:01:42.787-04:00-सुन्दर रचना ,आशाओं के दीप जलता रहे
LATEST POST स...-सुन्दर रचना ,आशाओं के दीप जलता रहे <br />LATEST POST<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/04/blog-post_5.html#links" rel="nofollow"> सुहाने सपने</a><br />my post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/03/blog-post_30.html#links" rel="nofollow"> कोल्हू के बैल</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-6803149780494149772013-04-06T11:17:26.686-04:002013-04-06T11:17:26.686-04:00बहुत सुन्दर ...ये दीप ही जीवन का आधार है बहुत सुन्दर ...ये दीप ही जीवन का आधार है Mamta Bajpaihttps://www.blogger.com/profile/00085992274136542865noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-85108941926344227032013-04-06T05:32:30.177-04:002013-04-06T05:32:30.177-04:00मैं तो स्थिर हो चलता हूँ
पर हिल जाता है भूतल
डगमग ...मैं तो स्थिर हो चलता हूँ<br />पर हिल जाता है भूतल<br />डगमग होते हैं पाँव मगर <br />कर मेरे रहता दीप अटल <br />लौ घटती-बढती इसकी लेकिन<br />यह दीप नहीं बुझ पाता है.... सुंदर रचनाmark raihttps://www.blogger.com/profile/11466538793942348029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-64740002940158371772013-04-06T04:53:31.591-04:002013-04-06T04:53:31.591-04:00गहन भावों के समेटे सुन्दर पोस्ट.....ये दीप हमेशा य...गहन भावों के समेटे सुन्दर पोस्ट.....ये दीप हमेशा यूँ ही जलता रहे ।इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-35321138036414052482013-04-06T00:38:49.691-04:002013-04-06T00:38:49.691-04:00शुभकामनायें इस दीप के लिए ..शुभकामनायें इस दीप के लिए ..Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-19513240019276941902013-04-05T11:33:54.716-04:002013-04-05T11:33:54.716-04:00बहुत उत्तम रचना.
श्रमजल से सिंचित यह प्रतिपल
जाज्...बहुत उत्तम रचना. <br />श्रमजल से सिंचित यह प्रतिपल<br />जाज्व्ल्यमान यह दीप अचल<br />बाधा के पतंगों से लड़कर<br />मुस्काता रहता है अविरल<br />पतंगा आता है, मर जाता है<br />पर दीप नहीं बुझ पाता है<br />बहुत सुन्दर पंक्तियाँ.<br />Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-30794492725920779572013-04-05T10:36:47.891-04:002013-04-05T10:36:47.891-04:00सुंदर और सार्थकसुंदर और सार्थकSANJAY TRIPATHIhttps://www.blogger.com/profile/11409479457211913450noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-2833206813152610992013-04-04T22:39:43.084-04:002013-04-04T22:39:43.084-04:00हलचल में स्थान देने के लिए शुक्रिया यशोदा जी.हलचल में स्थान देने के लिए शुक्रिया यशोदा जी.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-24955557749624124262013-04-04T22:18:27.918-04:002013-04-04T22:18:27.918-04:00कुछ शब्द सुहागन से...
कुछ शब्द सुहागन से...<br />राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-26675368530383453102013-04-04T21:28:33.608-04:002013-04-04T21:28:33.608-04:00बिलकुल यूं ही ये दीप जलता रहेगा, हमें पूरा भरोसा ह...बिलकुल यूं ही ये दीप जलता रहेगा, हमें पूरा भरोसा है <br />सुन्दर अभिव्यक्ति निहार भाई, अच्छे से बुने हुए शब्द।<br />शुभकामनाएं Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-19429289095314113212013-04-04T13:29:06.114-04:002013-04-04T13:29:06.114-04:00 गहन अनुभूति सुंदर रचना
बहुत बहुत बधाई गहन अनुभूति सुंदर रचना<br />बहुत बहुत बधाई Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-82246399894191161172013-04-04T08:32:14.704-04:002013-04-04T08:32:14.704-04:00आशा का दीप यूँ ही जलते रहना चाहिए कि कोई भी आँधी ब...आशा का दीप यूँ ही जलते रहना चाहिए कि कोई भी आँधी बुझा न सके... शुभकामनाएँ.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-46729590063924915932013-04-04T07:52:35.668-04:002013-04-04T07:52:35.668-04:00है मैं तो स्थिर हो चलता हूँ
पर हिल जाता है भूतल
...है मैं तो स्थिर हो चलता हूँ <br />पर हिल जाता है भूतल <br />डगमग होते हैं पाँव मगर <br />कर मेरे रहता दीप अटल <br />लौ घटती-बढती इसकी<br /> लेकिन यह दीप नहीं बुझ पाता है <br />हौसले की तारीफ के लिए उपयुक्त शब्द छोटे लग रहे !! <br />शुभकामनायें !!विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-46293848360732415272013-04-04T06:50:01.631-04:002013-04-04T06:50:01.631-04:00आस्था और प्रेम का संकेत ...इतनी आसानी से बुझेगा क...आस्था और प्रेम का संकेत ...इतनी आसानी से बुझेगा कैसे Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7469521435542377292.post-1622799081959995502013-04-04T06:24:50.843-04:002013-04-04T06:24:50.843-04:00आशाओं के दीप जलते हुए ही अच्छे लगते हैं ...
ओर जल...आशाओं के दीप जलते हुए ही अच्छे लगते हैं ... <br />ओर जलते रहने चाहियें ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com